duniya ke 7 ajube in hindi, duniya ke saat ajube ke naam in hindi (Seven Wonders of the World in Hindi)
आज हम जानेंगे दुनिया के सात अजूबे के बारे में
- सात अजूबे क्या है ?
- सात अजूबे कैसे बनाये गये और चुने गये ?
- सात अजूबे कौन कौन से है ?
विश्व के सात अजूबे मनुष्य दुआरा निर्मित एक अद्भुत समारक (संकलन ) है , जिसको देखने के बाद हम ये सोचने लगते है , की ये कैसे बनाया गया होगा और ये कितने पुराने होंगें समय के अनुसार विश्व के अजूबे में भी बदलाब आते रहे है , सबसे पहले सात अजूबे का नाम यूनानियों द्वारा लिया गया था | यूनानियों का मानना था की इसे लोगो द्वारा माना गया है |
सात अजूबे कैसे बनाये गये ?
विश्व के सात अजूबे को चुनने के लिए एक फाउंडेशन को बनाया गया था , और इस foundation को 200 से भी ज्यादा समारको में से 7 wonders (अजूबे ) को चुनना था , इस फाउंडेशन को Switzerland में आयोजित किया गया था ई .2000 में एक अभियान को चलाया गया था जिसमे 7 अजूबे का मुल्याकन वेब आधारित sms और टेलीफोन call के दुआरा किया गया ,जो Canada Swiss banneed के नेतृत्व में चलाया गया , इस प्रतियोगिता को New 7 wonders foundation दुआरा चलाया गया था ,
इस प्रतियोगिता का परिणाम 7 जुलाई 2007 को निकाला गया जिसका काफी लोगो ने उलोचना की क्यूंकि एक व्यक्ति कई बार वोट दे सकता था इस कारण फिर बाद में Utica के प्रेसिडेंट दुआरा New York में है मतदान कराया गया और दुनिया के सात अजूबे को चुन लिया गया |
विश्व के सात अजूबे कौन कौन से है ? | Duniya ke 7 ajube ke naam
- पेट्रा
- चीन की विशाल दिवार
- रिडीमर क्रिस्ट
- माचू पिचू
- चिचन इतजा
- ताजमहल
- कोलिसियम
पेट्रा (Petra)
स्थान :- जॉर्डन
निर्माण :- 9 ईसा पूर्व – 40 ईसा पूर्व
यह एक प्रशिध और ऐतिहासिक नगर (क़स्बा ) है , जो Jordan के एक प्रांत में है मुख्यता यह नगरी पत्थर से बनाई गयी इमारतो और वहां के जलवहन प्रक्रिया के लिए ज्यादा जाना जाता है और माना जाता है की इसे छठी शताब्दी में एक राजधानी के रूप में बनाया गया था , आधुनिक काल में ये एक popular पर्यटक प्लेस है , पेट्रा एक पहाड़ की ढलान पर बना हुआ है और ये एक घाटी के पूर्व सीमा से भी मिलती है।
चीन की विशाल दिवार (great wall of china)
स्थान :- चीन
निर्माण :- 220 ई पूर्व
इस दिवार का निर्माण कार्य 5वी शताब्दी से लेकर सोलवी शताब्दी तक चली ज्सिका निर्माण चीन के शासको दुआरा उतरीं हमलावरों से रक्षा के लिए किया गया था , ये दिवार इनती उची है की इसकी विशालता का अनुमान हम इस बात से लगा सकते है की इस दिवार को हम अंतरिक्ष से भी देख सकते है।
और इसकी लम्बाई लगभग 4600 km record की गयी है , इस दिवार का निर्माण मिटटी और कंकर पत्थर के दुआरा किया गया है चीन के शासको दुआरा हमलावरों से रक्षा करने क लिए और भी कई दीवारों का निर्माण किया गया था |
रिडीमर क्रिस्ट (Christ the Redeemer)
स्थान :- 1931
निर्माण :- रियो डी जनेरिउओ ब्राज़ील
यह एक ईसा मसीह की मूर्ति (प्रतिमा) है जो की brazil के रिडीमर में इस्थित है इसको दुनिया के सबसे उचे स्टैचू नंबर 2 में अंकित किया हुआ है यह स्टेचू 130 feet लम्बी और 98 feet चौड़ी है इसका भार (weight) लगभग 636 टन है , और रिडीमर क्रिस्ट तिजुका फोरेस्ट national park में कोकोवाड़ो (kokowado) की पर्वत की एक छोटी पर है और यह लगभग 2400 फीट उचाई पर है।
इस कारण इसके ऊपर से पूरा सिटी को देखा जा सकता है , रिडीमर क्रिस्ट की उचाई का अंदाज़ा हम इस तरीके से भी लगा सकते है की यह बोलिबिया के कोचाम्बा में इस्थित क्रेस्टो डी ला कोंकोर्डिया (crasto di la Concordia) की मूर्ति बस थोड़ी से उची है , यह परतिमा इसाई धर्मं के एक प्रतीक के रूप में रियो और ब्राज़ील की भी पहचान बन गये गयी थी , इसका निर्माण काफी मजबूती से किया गया था , बताया जाता है की इसका निर्माण 1922 से 1931 के बीच कंक्रीट और सोपस्टोन से किया गया था |
माचू पिचू (Machu Picchu)
स्थान :- पेरू
निर्माण :- 1460 – 1470
माचू –पिचू को पुरानी चोटी भी कहा जाता है , जो की अमेरिका में इस्थित पेरू के कोलंबस पूर्व युग इनका की सभ्यता को दिखता है यह मुख्यता एक उरुबम्बा नदी है जो की समुन्द्र ताल से 2436 मीटर की उचाई पर है यह नदी उतर पश्चिम में स्थित है जो की कुफ्जो से 80 km है।
माचू पिचू इन्कवाओ शासन के सबसे पुराना कालो में से एक है इन्कावो दुआरा इसका निर्माण 14030 ई. के मध्य में किया था जो की इन्कावो का अधिकारक स्थल बाद में स्पेनियो दुआरा विजय होने पर इसको ऐसे ही छोड़ दिया गया 1911 में माचू पिचु विश्व में पर्यटन स्थल बन का जिसका श्रेय हिरम बिन्गम को जाता है।
चिचन इतजा (Chichén Itzá )
स्थान :- युकादीन मेक्सिको
निर्माण :- 800 ई पूर्व
चिचन इतजा माया सभ्यता दुआरा कोलंबस पूर्व युग में बनाया गया एक शहर था चिचन इतजा उतर और आरंभिक उतर शास्त्रीय काल का एक भाग था यह शहर वास्तु शेली को भी दिखाता है जो की मेक्सीकनैजद कही जाने वाली वास्तु शेली को भी याद दिलाता है , एक समय में इसको प्रवास और केंद्रीय मेक्सिको के विजय का आधार माना जाता है , चिचन इतजा मुख्य रूप से एक खंडहर संपत्ति है और इसका रखरखाव ‘राष्टीय मानव विज्ञान और इतिहास संसथान ‘ के दुआरा किया जाता है।
ताजमहल (Taj Mahal)
स्थान :- आगरा भारत
निर्माण :- 1630 ई.
यह भारत के आगरा में स्थित एक मकबरा है जिसको मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में निर्माण कराया था।
, ताजमहल की बनावट , कलाकृति विश्व भर में प्रशिद्ध है . ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का एक उत्तम नमूना है और ये फारसी वास्तु शैली इस्लामी और भारतीय वास्तुकला का एक जोड़ है , ताजमहल को भारत के इस्लामी कला का एक अहम् आभूषण बताया गया है ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया और उसपर काफी बारीक़ कला की गयी है , ताजमहल के ऊपर गुबंद को काफी सही तरीके से निर्माण किया गया है जो की बहुत अचछा दर्शन देते है मुख्य रूप से ये मकबरा शाहजहाँ दुआरा अपनी बेगम मुमताज के प्यार का सर्वोच उदहारण है।
कोलिसियम (Colosseum)
स्थान :- रोम इटली
निर्माण :- 70- 82 ई
यह इटली के रोम शहर में बना एक अम्पिथिटर है जिसका निर्माण 72ई. में सम्राट वेस्पसियन के अंतर्गत हुआ था और 80 वी ई. में पूरा हुआ था उस समय इसमें 40000 से 60000 लोगो की बेठने की जगह थी जो की उस समह में काफी बड़ी बात है उस समय इसको प्रयोग मनोरंजन के लिए किया जाता था ,इस स्टेडियम में जानवरों और इंसानों के बीच खुनी युद्ध कराया जाता था माना जाता है की यहाँ लगभग 10 लाख जानवरों और 30 लाख इंसानों की इसी मनोरंजन के कारन मित्यु हुई. इसके अतिरिक्त यहाँ पर खेल खुद नाच कला कृति आदि का भी पर्दर्शन किया जाता था जिसको रोमंवासी काफी पसंद करते थे . अभी के टाइम में ये केवल मात्र खंडहर बन क्र रह गया है।